Episode 47

April 16, 2024

00:23:04

किसानों के रास्ते में कीलें, तारें, बैरिकेड की फ़सल

Hosted by

Ravish Kumar
किसानों के रास्ते में कीलें, तारें, बैरिकेड की फ़सल
रेडियो रवीश
किसानों के रास्ते में कीलें, तारें, बैरिकेड की फ़सल

Apr 16 2024 | 00:23:04

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Show Notes

February 13, 2024, 12:59:29 13 फ़रवरी को किसानों ने दिल्ली चलो का आह्वान किया था। मगर पुलिस द्वारा उनके रास्ते में बिछाई गई अड़चनों के चलते वे दिल्ली में प्रवेश नहीं कर सके। पिछली बार के मुक़ाबले इस बार किसानों को रोकने की प्रशासन की तैयारी काफ़ी ज़्यादा मज़बूत और व्यापक दिखाई दे रही है। बनी बनाई सड़कों में कई फ़ीट के गड्ढे खोद दिए गए हैं, हरियाणा के बॉर्डर सील हैं और कुछ जगह अस्थाई जेलें बना दी गई हैं। किसान नेताओं के सोशल मीडिया हैंडल रोके जा रहे हैं, इसलिए उनके बयान लोगों तक देर से पहुँच रहे हैं। पिछली बार नवंबर 2020 में किसान भरी सर्दी में पुलिस के नाकों के बाद भी बढ़ते हुए दिल्ली के पास सिंघु बोर्डर तक आ गए थे लेकिन इस बार हालात अलग दिखाई दे रहे हैं। दिल्ली की सीमाएँ मानो किसी युद्ध के लिए तैयार हैं, मगर सच तो यही है कि अगर इतनी तैयारी सरकार किसानों की बात सुनने में कर लेती तो शायद आज स्थिति अलग होती। किसानों ने कहा है कि 40 दिनों से उन्होंने घोषणा की हुई थी, सरकार ने बातचीत में कोई स्वीकार्य प्रस्ताव पेश नहीं किया है। किसान आंदोलन फिर से एक ऐसे मोड़ पर पहुंच गया है जहां से आगे का कोई नया रास्ता नज़र नहीं आता है। नज़र आता है तो केवल बैरिकेड्स कांटे , कंटीलें तारें और आंसू गैस के गोले।

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