Episode 44

April 16, 2024

00:31:01

मोदी के गले में नेहरू नाम की माला

Hosted by

Ravish Kumar
मोदी के गले में नेहरू नाम की माला
रेडियो रवीश
मोदी के गले में नेहरू नाम की माला

Apr 16 2024 | 00:31:01

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Show Notes

February 10, 2024, 14:39:12 पिछले दस सालों में प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषणों में अनेक बार नेहरू का ज़िक्र किया है। संसद में भी, और संसद के बाहर भी। यहाँ तक कि अपनी सरकार के दस साल के कार्यकाल के आख़री भाषण में भी प्रधानमंत्री नेहरू को ले आते हैं। हो सकता है कि नेहरू की छाप प्रधानमंत्री मोदी के मन पर गहरी हों भले वो नेहरू की आलोचना से नहीं चूकते, अपमानित करने से नहीं चूकते। मगर उनके मन में कोई नेहरू जैसा तो है जो उनका पीछा कर रहा है, जिसके जैसा प्रधानमंत्री मोदी दिखना चाहते हैं। इसका विश्लेषण तो फ़्रॉयड ही बेहतर कर सकते थे अगर जिंदा होते। मगर वहाट्सऐप यूनिवर्सिटी में नेहरू को लेकर दस साल से जो दुष्प्रचार और फ़र्ज़ी इतिहास घुमाया गया है, उस से प्रधानमंत्री मोदी ख़ुद को अलग नहीं कर सकते हैं। ये सवाल कांग्रेस के लिए भी है कि क्यों वो अपने नेता के ख़िलाफ़ चले एक फ़र्ज़ी और घातक कैम्पेन से लड़ नहीं सकी। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने लोकसभा भाषण में नेहरू के बारे में काफ़ी कुछ कहा है, इसलिए आज हम भी आपसे नेहरू के बारे में बात करेंगे। राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर ने अपनी किताब 'लोकदेव नेहरू' में नेहरू को जैसे देखा, जैसे समझा, वैसा लिखा है। आज का हमारा एपिसोड उसी के आधार पर है। छोटी किताब है, वहाट्सऐप फ़ॉर्वर्ड के बजाय आप इसे ख़रीद कर पढ़ सकते हैं।

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