Episode 24

April 16, 2024

00:28:06

यह लोकतंत्र नहीं, धर्मतंत्र है

Hosted by

Ravish Kumar
यह लोकतंत्र नहीं, धर्मतंत्र है
रेडियो रवीश
यह लोकतंत्र नहीं, धर्मतंत्र है

Apr 16 2024 | 00:28:06

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Show Notes

January 17, 2024, 12:26:51 लोकतंत्र की जगह धर्मतंत्र ने ली है। इस धर्मतंत्र के सामने भारत के लोकतंत्र की तस्वीर धुंधली होती जा रही है बल्कि धर्मतंत्र इतना हावी हो चुका है कि इसके बग़ैर आज के भारत में आप लोकतंत्र देख भी नहीं सकते हैं। धर्म तंत्र का मतलब ही ऐसा हो गया है कि पार्टियां धार्मिक आयोजन कराने वाली संस्था में बदलती जा रही हैं। पहले धर्म से दूरी बनाकर रखती थीं मगर अब पार्टियां राजनीति से ही दूरी बनाने लगी हैं। पूंजी के दबाव में राजनीतिक दलों के भीतर राजनीति खत्म हुई और अब धर्म का नाम लेकर लोकतंत्र के मैदान से ही राजनीतिक दल खत्म हो रहे हैं। अगर लोकतांत्रिक चरित्र पर धार्मिक चरित्र हावी हुआ तो वह लोकतंत्र को नौटंकी में बदल देगा। एक दिन धर्म भी नौटंकी की तरह नज़र आने लगेगा।मेरी इस बात को लिख कर पर्स में रख लीजिए

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